5 EASY FACTS ABOUT SHIV CHALISA LYRICSL DESCRIBED

5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described

5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

The mother fowl Maina desires his passion, His left facet adorns an enchanting variety. He holds a trident in his hand, a image of electric power, Constantly destroying the enemies.

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि

शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

The discovered ones observe the Trayodashi (thirteenth lunar day) rapid, They meditate and carry out the sacred hearth ceremony. They notice the Trayodashi rapid regularly, To make sure that their bodies keep on being no cost from Shiv chaisa afflictions.

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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